कृषि में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का महत्व और उपयोग लगातार बढ़ता ही जा रहा है। यह तकनीक खेती को आसान, अधिक प्रभावी, उत्पादक और सस्ती बना रही है। इस लेख में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रत्येक पहलू पर विस्तार से जानकारी दी गई है और यह भी बताया गया है कि इस तकनीक के द्वारा कृषि में क्या-क्या बदलाव आए हैं और कैसे यह तकनीक कृषि के लिए एक क्रांतिकारी तकनीक बनती जा रही है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) क्या है ? इसका उपयोग कृषि में कैसे किया जा रहा है:
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को अगर साधारण भाषा में समझाया जाए तो यही वह तकनीक है जिसकी वजह से प्रत्येक क्षेत्र का काम सुविधाजनक और सटीकता से किया जा सकता है, जिसमें से एक बहुत प्रसिद्ध क्षेत्र कृषि भी है जिस पर भारत की लगभग 60% जनसंख्या प्रत्यक्ष रूप से निर्भर करती है। AI का उपयोग विभिन्न प्रकार की कृषि गतिविधियों में होता है।
जैसे: AI का उपयोग करके डाटा एनालिटिक्स के द्वारा फसलों में लगने वाले कीटों और बीमारियों का एकदम सटीकता से पूर्वानुमान किया जा सकता है और AI के द्वारा मिट्टी में मौजूद तत्वों का विश्लेषण करके उसकी गुणवत्ता का और उपज का पता भी बहुत आसानी से लगाया जा सकता है। ड्रोन और रॉकेट का उपयोग करके भी फसलों पर कीटनाशक का छिड़काव और निगरानी की जा सकती है और साथ ही साथ AI का उपयोग करके मिट्टी की स्थिति, फसलों का सटीक जानकारी और मौसम की भी परिस्थिति को आसानी से समझा जा सकता है जिससे सही समय पर किसान खेत में पानी खाद कीटनाशक का छिड़काव कर सकते हैं, AI की समस्या और इसके उपयोग से ना खेतों में श्रम की जरूरत कम होती है और समय भी बचता है।
उदाहरण के लिए,
स्पेक्ट्रल इमेजिंग सेंसर का उपयोग करके पौधों की पत्तियों का विश्लेषण किया जाता है ताकि पौधों के स्वास्थ्य का अनुमान लगाया जा सके। इससे फसल की वृद्धि के प्रारंभिक चरण में ही समस्याओं का पता लगाकर समाधान किया जा सकता है। प्लांटिक्स नामक एक मोबाइल ऐप किसानों को फसल के रोगों का पहचान करने में मदद करता है और उनके लिए सबसे अच्छा उपचार सुझाता है। Blue River Technology नामक कंपनी का See & Spray नामक सिस्टम AI का उपयोग करके खरपतवार और फसलों के बीच अंतर पहचानने में सक्षम है और केवल खरपतवार पर ही कीटनाशक छिड़कता है, जिससे कीटनाशकों की बर्बादी कम होती है।
नीचे दी गई तालिका में AI का उपयोग कृषि के विभिन्न क्षेत्रों में कैसे होता है और उनसे हुए फायदों का विवरण दिया गया है:
कृषि क्षेत्र | AI का उपयोग | प्रभाव | फायदे |
---|---|---|---|
फसल प्रबंधन | फसलों की वृद्धि का निरीक्षण, स्वास्थ्य की निगरानी, और रोगों का त्वरित पता लगाना। | बेहतर फसल स्वास्थ्य और पैदावार | अधिक उत्पादन और कम नुकसान |
सटीक खेती | सटीक सिंचाई, खाद और कीटनाशक का सटीक उपयोग, मिट्टी का डेटा विश्लेषण। | संसाधनों का कुशल उपयोग | पानी, उर्वरक और कीटनाशक की बचत |
खरपतवार नियंत्रण | वीड स्पॉटिंग रोबोट्स का उपयोग कर केवल खरपतवार को हटाना, कीटनाशकों का न्यूनतम उपयोग। | कम कीटनाशक उपयोग | लागत में कमी और पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव |
स्वचालित बुवाई | AI-आधारित स्वचालित बुवाई मशीनें जो सही गहराई और दूरी पर बीज बोती हैं। | सटीक और कुशल बुवाई | बुवाई में तेजी और अधिकतम फसल क्षमता |
सिंचाई प्रबंधन | स्वचालित सिंचाई प्रणाली जो नमी सेंसर द्वारा पानी की आवश्यकता का अनुमान लगाती है। | जल की आवश्यकता के अनुसार सिंचाई | जल संरक्षण और उपज में सुधार |
फसल रोग पहचान | पौधों के रोगों का पता लगाने के लिए AI का उपयोग। | त्वरित और सटीक निदान | रोगों से नुकसान कम और फसल की गुणवत्ता में सुधार |
जलवायु निगरानी | मौसम और जलवायु डेटा का विश्लेषण करके फसल के लिए आदर्श स्थिति का निर्धारण करना। | फसल को जलवायु अनुकूल बनाना | मौसम संबंधी खतरों से सुरक्षा |
फसल की भविष्यवाणी | फसल उत्पादन और पैदावार का पूर्वानुमान AI के माध्यम से करना। | बेहतर योजना और फसल प्रबंधन | अधिक पैदावार और बाज़ार में प्रतिस्पर्धात्मक लाभ |
ग्रीनहाउस प्रबंधन | स्मार्ट ग्रीनहाउस जो तापमान, आर्द्रता और प्रकाश का स्वचालित नियंत्रण करता है। | सही माहौल में फसल उत्पादन | अधिक उत्पादन और नियंत्रित वातावरण में खेती |
पशु पालन प्रबंधन | पशुओं के स्वास्थ्य, व्यवहार और गतिविधियों की निगरानी करने के लिए AI-आधारित प्रणाली। | पशुओं का बेहतर स्वास्थ्य | पशु उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार |
रोबोटिक हार्वेस्टिंग | AI संचालित रोबोट्स जो फसल की कटाई स्वचालित रूप से करते हैं। | तेज़ और सटीक कटाई | समय और श्रम की बचत, फसल नुकसान कम |
मृदा विश्लेषण | मिट्टी की गुणवत्ता और पोषक तत्वों का आकलन कर उपज बढ़ाने के लिए डेटा प्रदान करना। | फसल के लिए सही पोषण | मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार और अधिक पैदावार |
उत्पाद वितरण | AI-आधारित सिस्टम जो वितरण की योजना बनाकर उत्पाद को कुशलतापूर्वक बाजार तक पहुंचाता है। | कुशल वितरण नेटवर्क | बेहतर आपूर्ति श्रृंखला और उत्पाद समय पर बाजार तक पहुंचता है। |
भारत और विश्व भर में AI का कृषि में महत्वपूर्ण उपयोग:
अमेरिका, नीदरलैंड और इजराइल जैसे विकसित देशों ने AI का उपयोग करके अपनी कृषि तकनीकी में काफी सुधार किए हैं और फसलों को दोगुनी तेजी से फलीभूत किया है। जहां अमेरिका AI का उपयोग फसलों की स्थिति, मिट्टी का प्रकार, और मौसम के आधार पर फसलों की देखभाल करता है, वहीं दूसरी तरफ इजराइल भी AI के उपयोग कृषि में व्यापक स्तर पर कर रहा है, यहाँ ड्रिप इरिगेशन और AI-आधारित सॉफ़्टवेयर का उपयोग पानी की बचत और उच्च गुणवत्ता वाली फसलों के उत्पादन के लिए किया जा रहा है। इसराइल AI आधारित खेती में एक दूसरे देशों के लिए एक उदाहरण बनकर उभरा है। नीदरलैंड ने भी AI का उपयोग करके ग्रीन हाउस खेती और वर्टिकल फार्मिंग में एक खास स्थान प्राप्त किया है, इस क्षेत्र में भारत भी पीछे नहीं है भारत में निवासी अर्जुन राव AI का उपयोग करके अपने छोटे खेतों में 35 परसेंट तक की वृद्धि की है, AI की मदद से राव साहब को मिट्टी के डाटा और फसलों के पैटर्न को समझने में काफी मदद मिली है।
AI,भविष्य की संभावनाएँ और चुनौतियाँ:
AI ने कृषि क्षेत्र में बहुत सारी संभावनाओं को जागृत किया है इसके उपयोग से विश्व के बहुत से किसान उपज समय पर लेने के साथ – साथ, गलत दिशा में लागत लगाने से भी बच रहे हैं तथा किसान अपने आय को भी बढ़ाने में सफल रहे है। यह तकनीक खेती को आधुनिक बनाने के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन से निपटने में भी मदद कर रही है, हालाँकि इसमें कुछ चुनौतियां भी हैं जैसे AI तकनीक में आने वाली लागत और ज्ञान की कमी जिसकी वजह से छोटे किसान इसके तकनीक से अभी दूर है, वर्तमान में इन तकनीकी का उपयोग देखते हुए ऐसा लग रहा है कि किसानों को जल्द से जल्द इस तकनीक को अपनाना चाहिए ताकि वह समय अनुसार इस तकनीक को स्वीकृत कर फसलों की पैदावार और अपने मुनाफे को बढ़ा सके।
यह भी पढ़ें – हाइड्रोपोनिक्स: खेती की उन्नत तकनीक को अपनाने का सही तरीका, पूरी प्रक्रिया सरल भाषा में