Monday, December 23, 2024

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के बारे में सम्पूर्ण जानकारी, जानें बीमा कैसे करें और पाएं मुआवजा| Pradhan Mantri Fasal Bima Yojna (PMFBY) In Hindi

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY), किसानों का प्रीमियम योगदान, नुकसान का आकलन और वितरण, कैसे करे आवेदन, PMFBY जानें बीमा कैसे करें और पाएं मुआवजा, Pradhan Mantri Fasal Bima Yojna (PMFBY) In Hindi, सभी जानकारी PMFBY

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना भारतीय किसानों के लिए अत्यंत ही महत्वपूर्ण और व्यापक फसल बीमा योजना है, जिसका प्रमुख उद्देश्य भारतीय किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले फसल नुकसान से बचाना है। यह योजना 2016 में शुरू की गई थी और इस योजना ने अब तक लाखों किसानों को उनकी फसल का बीमा करते हुए उन्हें वित्तीय सुरक्षा प्रदान की है, इस लेख में हम आपको इस योजना से जुड़े सभी पहलुओं को विस्तार से समझाएंगे।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) का प्रमुख लक्ष्य:

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का प्रमुख उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक आपदाओं, कीट-पतंगों,फसल में लगने वाली बीमारियों या अन्य कारणों से हुए फसल नुकसान से उनका आर्थिक संरक्षण करना है, ताकि किसान कृषि से जुड़ी आपातकालीन स्थितियों का सामना करने में सक्षम हो सके और अपनी आजीविका को सुरक्षित रख सके।

उदाहरण के लिए – कोई किसान जिसने खरीफ के मौसम में अपने खेत में धान की फसल लगाई थी किंतु बाढ़ आने से उसकी फसल नष्ट हो जाती है अगर उस किसान ने इस योजना के अंतर्गत अपनी फसल का बीमा कराया होता तो फसलों से होने वाले नुकसान को कम कर वह उचित मुआवजा प्राप्त कर सकता है।

PMFBY योजना में कवर की गई प्रमुख फसलें –

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) में कई प्रकार की फसलें बीमित की जा सकती हैं। ये फसलें खरीफ, रबी, और वाणिज्यिक या बागवानी फसलों के अंतर्गत आती हैं। नीचे सभी प्रमुख फसलों की जानकारी दी गई है:

Fasal प्रकारकवर की गई फसलें
खरीफ फसलेंधान, मक्का, बाजरा, सोयाबीन, मूंगफली, अरहर
रबी फसलेंगेहूं, चना, सरसों, जौ, मसूर
वार्षिक फसलेंगन्ना, कपास, तिलहन

हर राज्य में अधिसूचित क्षेत्र के अनुसार फसलों का चयन होता है और किसानों को उनकी संबंधित फसल के लिए बीमा किया जाता है।

PMFBY किसानों को निम्नलिखित जोखिमों से कवरेज और बीमा प्रदान करती है:

कवरेज का प्रकारविवरण
प्राकृतिक आपदाएँसूखा, बाढ़, आंधी-तूफान, ओलावृष्टि, पाला, भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाएं
कीट-प्रकोप और रोगफसल को प्रभावित करने वाले कीट और रोगों से होने वाला नुकसान
फसल कटाई के बाद का नुकसानफसल कटाई के बाद बारिश, ओलावृष्टि, या अन्य कारणों से होने वाले नुकसान

इस योजना के तहत, किसानों को विभिन्न प्रकार के जोखिमों से सुरक्षा प्रदान की जाती है, जिससे उनकी फसलें सुरक्षित रहती हैं।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किसानो को कितना प्रीमियम देना पड़ता है ?

PMFBY एक प्रकार की फसल बीमा योजना है इसलिए इसमें किसानों को अपनी फसलों का प्रीमियम देना पड़ता है, लेकिन इस योजना के अंतर्गत बहुत ही कम प्रीमियम देना होता है जैसे खरीफ फसलों के लिए किसानों को केवल 2% जबकि रवि फसलों के लिए 1.5% और वाणिज्यिक/बागवानी फसलों के लिए 5% का प्रीमियम निर्धारित किया गया है, यह प्रीमियम दर काफी कम है ताकि छोटे और सीमांत किसान भी आसानी से बीमा का लाभ प्राप्त कर प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले फसल नुकसान की भरपाई कर पाएं। किसानों के प्रीमियम देने के बाद बाकी की राशि केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर वहन करती हैं इसका मतलब है कि सरकार अधिकांश बीमा प्रीमियम का भुगतान करती है, जिससे यह योजना किसानों के लिए किफायती हो जाती है।

यह भी पढ़ें- क्रांति ला रही है कृषि में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस! जानिए कैसे AI बदल रहा है खेती का भविष्य

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में फसल नुकसान का आकलन, क्षति का निर्धारण और मुआवजे का वितरण किस प्रकार किया जाता है ?

1.फसल नुकसान का आकलन:

क्षेत्र आधारित आकलन: क्षेत्र आधारित आकलन का मतलब है कि जब किसी फसल का नुकसान होता है, तो उस नुकसान का आकलन एक विशेष इलाके (जैसे ग्राम पंचायत या ब्लॉक स्तर पर) में किया जाता है, जिसे बीमा इकाई कहा जाता है। उस क्षेत्र में जो भी फसल अधिसूचित होती है, उसका नुकसान राज्य सरकार के अधिकारी और बीमा कंपनियां मिलकर तय करते हैं।

फसल कटाई प्रयोग (Crop Cutting Experiments – CCEs) के माध्यम से फसलों का वास्तविक उत्पादन और नुकसान का सही आकलन किया जाता है। इसमें वैज्ञानिक तरीके से कुछ खेतों में फसल की कटाई की जाती है और यह देखा जाता है कि कितनी पैदावार हुई है। इसके बाद, उस क्षेत्र में होने वाले नुकसान का निर्धारण किया जाता है और तय किया जाता है कि किसानों को कितना मुआवजा मिलेगा। यह प्रक्रिया फसल बीमा के तहत नुकसान का सही आकलन करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

2. क्षति का निर्धारण:

मुआवजे की राशि का निर्धारण सहमत बीमा राशि और क्षेत्र में अधिसूचित फसल के न्यूनतम उत्पादन स्तर (Threshold Yield) के आधार पर होता है। यदि किसी क्षेत्र का उत्पादन न्यूनतम स्तर से कम हो जाता है, तो उस क्षेत्र के सभी किसानों को मुआवजा दिया जाता है।

उदाहरण के लिए: यदि न्यूनतम उत्पादन 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है और किसी क्षेत्र में उत्पादन 15 क्विंटल रहा, तो उस क्षेत्र के किसानों को 5 क्विंटल की हानि के आधार पर मुआवजा मिलेगा।

3. मुआवजे का वितरण:

मुआवजे की राशि किसानों के बैंक खातों में सीधे ट्रांसफर की जाती है। प्रक्रिया के तहत राज्य
सरकार और बीमा कंपनियां मिलकर नुकसान का आकलन करती हैं, जिसके बाद मुआवजा दिया जाता है। मुआवजे के लिए किसानों का फसल बीमा पोर्टल (NCIP) पर पंजीकरण होना आवश्यक है​।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का कार्यान्वयन, आवेदन प्रक्रिया और पात्रता के बारे में सम्पूर्ण जानकारी

सरकार ने इस योजना के कार्यान्वयन को प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए नेशनल क्रॉप इंश्योरेंस पोर्टल (NCIP) विकसित किया है, जिससे सभी हितधारकों को एक प्लेटफार्म पर लाया जा सके। इस पोर्टल पर किसानों, बीमा कंपनियों, और राज्य सरकारों के बीच संचार को सुगम बनाने के लिए पूरी जानकारी उपलब्ध रहती है।

यह भी पढ़े:-हाइड्रोपोनिक्स: खेती की उन्नत तकनीक को अपनाने का सही तरीका, पूरी प्रक्रिया सरल भाषा में

किसान बैंक, सीएससी केंद्र(जन सुविधा केंद्र) या राज्य कृषि विभाग के माध्यम से इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं। योजना में शामिल होने के लिए उनके पास वैध भूमि स्वामित्व प्रमाणपत्र या पट्टेदारी समझौता होना चाहिए। बीमा कवरेज के लिए आवेदन फसल बुवाई के 2 सप्ताह के भीतर करना होता है। इसके अलावा, ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से भी आवेदन किए जा सकते हैं।

सरकार की आधिकारिक वेबसाइट के लिए यहाँ पढ़ें – प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) क्या है?

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) किसानों को प्राकृतिक आपदाओं, कीट-प्रकोप, और फसल बीमारियों से हुए नुकसान के लिए आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने वाली एक बीमा योजना है। यह योजना 2016 में शुरू की गई थी और किसानों की वित्तीय सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

इस योजना में कौन-कौन सी फसलें कवर की जाती हैं?

PMFBY में खरीफ, रबी, और वार्षिक वाणिज्यिक/बागवानी फसलें कवर की जाती हैं। कुछ प्रमुख फसलें इस प्रकार हैं:
खरीफ फसलें: धान, मक्का, बाजरा, सोयाबीन, मूंगफली, अरहर
रबी फसलें: गेहूं, चना, सरसों, जौ, मसूर
वाणिज्यिक/बागवानी फसलें: गन्ना, कपास, तिलहन

PMFBY के तहत किसानों को कितना प्रीमियम देना पड़ता है?

किसानों को निम्नलिखित प्रीमियम देना होता है:
खरीफ फसलों के लिए: 2%
रबी फसलों के लिए: 1.5%
वाणिज्यिक/बागवानी फसलों के लिए: 5%
शेष प्रीमियम राशि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा वहन की जाती है।

PMFBY के लिए आवेदन कैसे किया जा सकता है?

किसान अपने बैंक, CSC (जन सुविधा केंद्र) या राज्य कृषि विभाग के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। आवेदन फसल बुवाई के 2 सप्ताह के भीतर करना होता है। किसान NCIP पोर्टल पर भी ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

10,000FansLike
1,000FollowersFollow
10,000SubscribersSubscribe

Latest Articles